आज हम इस पोस्ट मे बात करेंगे DBT kya hota hai के बारे में, और हम आपको इस पोस्ट में Complete DBT (Direct Benefit Transfer) के बारे में बताएँगे।
DBT kya hota hai

DBT ka matlab hota hai “Direct Benefit Transfer” (सीधे लाभ ट्रांसफर)। यह एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य है सीधे नकद लाभ वितरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में धनराशि का हस्तांतरण करना। इसके माध्यम से, सरकार संबंधित लाभार्थियों के खाते में सीधे नकद लाभ भेज सकती है, जो कि धनराशि को अधिक ट्रांसपेरेंट और अतिरिक्त मध्यमों के माध्यम से पहुंचने से बचाता है।
इस योजना का उपयोग कई विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है जैसे कि किसानों को सब्सिडी, पेंशन योजनाओं, शिक्षा योजनाओं और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए सीधे लाभ ट्रांसफर के माध्यम से वितरण किया जाता है।
DBT के क्या-क्या लाभ है?
DBT (Direct Benefit Transfer) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे धनराशि भेजती है। इसका मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार को कम करना है और लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुंचाना है।
DBT योजना के कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
- लाभार्थियों के लिए सीधे लाभ: DBT योजना के माध्यम से, सरकार सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पैसे भेज सकती है, जो कि धनराशि को अतिरिक्त मध्यमों से पहुंचने से बचाता है। इसके अलावा, लाभार्थियों को अपने नकद लाभ का नियंत्रण भी मिलता है।
- कार्यक्रम की सुविधाजनकता: DBT योजना के माध्यम से, लाभार्थियों के बैंक खाते में पैसे सीधे भेजने से यह सुनिश्चित होता है कि वे अपने नकद लाभ का उपयोग कर सकते हैं और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसे उनके अधिकारों के अनुसार वितरित किया जाता है।
- दलालों के खत्मी: DBT योजना के माध्यम से, लाभार्थियों को सीधे लाभ दिया जाता है, जो कि दलालों और बिचौलियों को कम करता है। इससे संबंधित संसाधनों के उपयोग में भी कटौती होती है और सरकार अधिक उपयुक्तता वाले कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकती है।
DBT full form in banking

DBT full form in banking है “डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर” : यह सरकार या किसी अन्य फंडिंग एजेंसी से निधि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित करने की एक प्रणाली है। यह प्रणाली रिसावों को कम करने और लाभ पहुंचाने की वित्तीय प्रभावशीलता और पारदर्शिता में मदद करती है। बैंकिंग में DBT का उपयोग अनेक योजनाओं जैसे सब्सिडी, पेंशन भुगतान, छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी लाभों के लिए किया जाता है।
Read More : कैसे मिलेगा 500 रुपये में गैस सिलेंडर
किन-किन योजनाओ का पैसा DBT से आएगा
DBT से पैसे आने के लिए अनेक योजनाएं हैं जो सरकार द्वारा चलाई जाती हैं। कुछ उल्लेखनीय योजनाएं निम्नलिखित हैं:
- पेंशन योजनाएं: वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, अग्रिम पेंशन योजना आदि।
- सब्सिडी योजनाएं: उज्ज्वला योजना, प्रधान मंत्री आवास योजना, पेट्रोलियम सब्सिडी योजना, खाद्य अनुदान योजना आदि।
- किसान लाभ योजनाएं: प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, स्टैंडअप इंडिया योजना आदि।
- छात्रवृत्ति योजनाएं: प्रधान मंत्री छात्रवृत्ति योजना, मध्य प्रदेश स्कॉलरशिप योजना, उत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति योजना आदि।
इसके अलावा भी कई ऐसी योजनाएं हैं जिनका लाभ सीधे DBT के माध्यम से लाभार्थियों को पहुंचाया जाता है।
भारत मे DBT कब आया ?
भारत में DBT (Direct Benefit Transfer) योजना 1 जनवरी 2013 को लॉन्च की गई थी। यह योजना सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, सब्सिडी और अन्य सभी लाभों को सीधे लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर करने के लिए शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य है सरकारी खर्च के तंत्र को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना।
DBT से अब तक कितने पैसे ट्रांसफर किए गए ?
भारत सरकार द्वारा DBT के माध्यम से अब तक (2023 के अप्रैल तक) कुल लागत 16.78 लाख करोड़ रुपये से अधिक दायर की गई है। इसमें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, सब्सिडी, छात्रवृत्ति, किसान लाभ योजनाएं, महिला कल्याण योजनाएं आदि के लिए जमा किए गए पैसे शामिल हैं। इससे सीधे लाभार्थियों को भुगतान किया गया है।
DBT को भारत मे क्यू लाया गया?
भारत सरकार ने DBT (Direct Benefit Transfer) योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य सरकारी खर्च के तंत्र को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना था। पहले कई योजनाओं में सरकारी लाभार्थियों को धनराशि का भुगतान नकद मोड में किया जाता था, जो विभिन्न कारणों से कई बार लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाता था। DBT के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे धनराशि ट्रांसफर करने से सरकार नकद भुगतान से बचत करती है और वह लाभार्थियों के खाते में सीधे पहुंचता है। इससे लाभार्थियों को धनराशि मिलने में देरी नहीं होती और सरकार के द्वारा जमा की जाने वाली धनराशि की पूरी रकम लाभार्थियों के खाते में सीधे जाती है।